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जीवन कोंतमवार और राजेश्वर सुरावार के सोमनाथ रोड मूल के खेत मे मकडी के जाल की तरहसे फैले बिजली के तार महावितरण के अधिकारियोंने हाथ पीले कर बगैर डिमांड खेत मालिकोंसे रुपया ना जमा करवाते हुवे महावितरण की तिजोरी से चुना लगा कर बिजली के तारोंका जाल हटवा दिया !? अब इस खेतमे सिर्फ बिजली के तारोके खंबे खडे है !?
क्या महावितरण के भ्र्ष्टाचार महर्षियों पर होगी कोई कार्यवाही ???
पहले यह खेत चंद्रशेखर दत्तात्रय धर्माधिकारी और लक्ष्मीकांत दत्तात्रय धर्माधिकारी बंधुओं का था ! उनसे जीवन कोंतमवार ने बिकत लिया था ! अब इस खेत के कुछ हिस्से पर राजेश्वर सुरावार ( जिलेके पालकमंत्री के कार्यालय मे कार्यरत ) का भी दर्ज करवाया गया है !
धर्माधिकारी बंधुओं के मालिकाना हक मे यह खेत था तब यह खेत ग्रीन बेल्ट में था ! इस खेतके अगल बगल में दूर दूर तक किसीके भी खेत येलो बेल्ट में नही है !
लेकिन जीवन कोंतमवार और राजेश्वर सुरावार के तीन तिकडम से मूल नगर परिषद के पूर्व प्रशाषक इस खेत को ग्रीन बेल्ट से येलो बेल्ट में परिवर्तित कर दिया ! याने उस खेती की जमीन को रहिवासी निवास की जगह में इस्तेमाल करने फेरफार पूरी तरहसे नियमबाह्य तरीकेसे कर दिया ! ग्रीन बेल्ट से येलो बेल्ट करवाने मोटे मालसे हाथ पीले किये गये !
एक तो महावितरण के मूल उपशाखाके कथित अधिकारियोंने खेत मालिक से बिजली के तार हटवाने का डिमांड नही भरवाया उनके लाखोंका खर्च बचा दिया और अपनी जेब गर्म करके महावितरण के तिजोरिको चुना लगा दिया था !
इस संबंध मूल कार्यालय के कथित अधिकारियोंसे पूछनेपर वह चंद्रपुर के कार्यकारी अभियंता के कार्यालय की ओर उंगली उठाकर सीधे उन्हीपर दोषारोपण कर रहे है कि , हमने उनके आदेश से बिजली के तार कोंतमवार और सुरावार के खेतसे हटाये थे ! इस प्रकरण की भी गंभीरतापूर्वक जाँच होनी चाहिये और दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिये !
जीवन कोंतमवार का पूर्वेतिहास अपराधोंसे भरा पडा है साल २०१० मे मूल में यशोदा सीड प्रकरण में उन्हें ब्लैकमेलिंग कर लाखोंकी रिश्वत मांगने के मामले में इसे गिरफ्तार तक किया गया था !
उसी तरहसे शासकीय धानकी खरेदी प्रकरण मे भी जीवन कोंतमवार का नाम काफी चर्चित हुवा था ! बतलाया जाता है कि , इस मामलेमें भी मंत्रालय से करीब ३३ करोड ₹ ( तेहतिस करोड रुपये ) कारुका हुवा बिल भी राजकीय तीन तिकडम से हालहीमें इसे मिल गया !
महावितरण के बिजली तारों के नियमबाह्य तरीकेसे हटवा देने के मामलेमें महावितरण के भ्र्ष्टाचार के गर्त में डूबे अधिकारियोंपर और खेत को ग्रीन बेल्ट से येलो बेल्ट में फेरफार करने की हेराफेरी का मामला भी उजागर होना चाहिये ! महाराष्ट्र शासन ने इस अतिगंभीर प्रकरण ओपन करके अपराधियों के खिलाफ कडी से कडी कार्यवाही होनी चाहिये !