श्रमिक बस्ती, नैनी, मानस पार्क में श्रमिकों की हुई बैठक में श्रमिकों को उनके आवासों का मालिकाना हक देने तथा बस्ती से पीएसी को हटाए जाने की मांग की गई।

52

मालिकाना हक देने, श्रमिक बस्ती से पीएसी को हटाने के लिए होगा आंदोलन !

नैनी, प्रयागराज। श्रमिक बस्ती, नैनी के आवासों में रह रहे लोगों को उनके आवासों का मालिकाना हक देने, बस्ती के पार्कों से पीएसी का कब्जा हटाने और पीएसी को अन्यत्र बसाए जाने की मांग को लेकर श्रमिक बस्ती के निवासियों के द्वारा अब आंदोलन शुरू किया जाएगा।
इस बारे में श्रमिक बस्ती के निवासियों की आज बैठक हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए श्रमिक बस्ती समिति के सचिव विनय मिश्र ने कहा कि श्रमिक बस्ती के आवासों में रहने वाले निवासियों को उनके आवासों का मालिकाना हक दिए जाने हेतु केंद्र सरकार ने 1978 में राजाज्ञा जारी की थी और पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में श्रमिक बस्ती के मकानो की बिक्री प्रक्रिया भी शुरू हुई।
लेकिन वर्तमान समय में अनिश्चय की स्थिति है। वहीं दूसरी ओर श्रम विभाग के द्वारा मजदूरों को उनके आवासों का मालिकाना हक दिए जाने के बजाय श्रमिक बस्ती नैनी प्रयागराज में श्रमिक बस्ती की जमीन पीएसी को दी जा रही है।
बैठक में सचिव विनय मिश्र ने कहा कि श्रमिक बस्ती के बीचो-बीच स्थित मानस पार्क को 90 साल की लीज पर पीएसी को दे दिया गया है। जिससे स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
बैठक में विनय मिश्र ने कहा कि पीएसी को और कौन-कौन से स्थान, भूमि, भवन दिए गए हैं। इसका खुलासा होना बाकी है।
श्रम विभाग द्वारा मनमाने ढंग से पीएसी को श्रमिक बस्ती की भूमि और भवन दिए जाने के बारे में वक्ताओं ने कहा कि अगर लोगों की आंख नहीं खुली तो धीरे-धीरे पीएससी को बस्ती की पूरी जमीन श्रम विभाग द्वारा दे दी जाएगी।
यह भी हो सकता है कि दे दिया गया हो। श्री मिश्र ने कहा कि श्रमिक बस्ती नैनी के सभी निवासियों को एकजुट होकर श्रम विभाग की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना होगा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पूर्व उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी के कार्यकाल में श्रमिक बस्ती के पार्क, भूमि, भवन एवं राजकीय श्रम हितकारी केंद्र के बारे में पीएसी को लेकर जो आदेश जारी किए गए हैं। वह सब आदेश निरस्त किए जाय।पहले मजदूरों को उनके आवासों का मलिकाना हक मिलना चाहिए ।
शासन प्रशासन तक इस समस्या को पहुंचाने और उसके समाधान के लिए श्रमिक बस्ती के सभी निवासी एकजुट हों और मालिकाना हक के लिए आवाज बुलंद करें।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मानस पार्क, राजकीय श्रम हितकारी केंद्र एवं अन्य सार्वजनिक पार्कों का श्रमिक बस्ती के निवासी कई साल से उपयोग करते चले आए हैं।
अगर यह सब पीएसी को दे दिए गए तो बस्ती के लोगों का क्या होगा ? मजदूरों के पक्ष में आदेश देने के बजाय पीएसी के पक्ष में श्रम विभाग द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है। वह नितांत अवैधानिक एवं गलत है। उसका विरोध होना चाहिए और जब तक मालिकाना हक न मिल जाए। तब तक आंदोलन जारी रहना चाहिए।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि श्रमिक बस्ती की समस्याओं का जब तक समाधान नहीं होगा, यहां के निवासी चुप नहीं बैठेंगे और प्रत्येक रविवार को श्रमिक बस्ती के निवासियों की मानस पार्क में नियमित बैठक के माध्यम से विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
बैठक में श्रमिक बस्ती समिति के सचिव विनय मिश्र, नंदकिशोर मिश्र कन्हैया,अमरचंद शर्मा, सभाजीत यादव,राघवेंद्र सिंह गवर्नर, मुन्ना सिंह, रोहिणी पांडे, मनीष तिवारी, मोहम्मद अजमत, सत्येंद्र यादव, गोपाल आदि लोग उपस्थित थे।