मजदूरों को उजाड़ने की साजिश, पूर्व डीएलसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग !
नैनी, प्रयागराज :- केंद्र सरकार ने 1978 में उत्तर प्रदेश की श्रमिक बस्तियों में रहने वाले लोगों को उनके आवासों का मालिकाना अधिकार दिए जाने आदेश दिया था।
मजदूर हित में आदेश का पालन करने के बजाय उत्तर प्रदेश श्रम विभाग के अधिकारी इस आदेश पर कुंडली मारे बैठे हैं। जिससे यह समस्या पिछले 43 वर्षों से लंबित है।
श्रमिक बस्ती नैनी में मजदूरों को उजाड़ कर पीएसी को बसाने की साजिश रचने वाले, भ्रष्टाचार और गबन के आरोपी पूर्व उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा गया है कि पूर्व उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी ने श्रमिक बस्ती, नैनी स्थित राजकीय श्रम हितकारी केंद्र में करोड़ों रुपए का घोटाला किया है।
पूर्व डीएलसी ने केंद्र के रखरखाव हेतु दिए गए सरकारी धन का गबन करते हुए सरकारी संपत्ति बेच डाली और इस घोटाले को छुपाने के लिए मानस पार्क, राजकीय श्रम हितकारी केंद्र की भूमि एवं भवन पीएसी को दे दिया। ताकि राकेश द्विवेदी के कार्यकाल में हुए घोटालों का पर्दाफाश न होने पाए।
श्रमिक बस्ती समिति के सचिव विनय मिश्र ने राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, मानस पार्क व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर हो रहे पीएसी के कब्जे को रोकने की मांग की है
सचिव विनय मिश्र ने कहा है कि उप्र श्रम विभाग ने पिछले 43 वर्षों से इस मामले को लटकाए रखा है । श्रम विभाग की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण श्रमिक बस्ती के आवासियों में असंतोष बढ़ रहा है और अब लोग आंदोलन की तैयारी में जुटे हैं।
सचिव विनय मिश्र ने कहा है कि सरकार द्वारा मजदूरों के लिए श्रमिक बस्तियों का निर्माण कराया गया था। पीएसी को यहां अस्थाई रूप से कुछ दिनों के लिए रहने की अनुमति दी गई थी लेकिन अब पीएसी के अधिकारी यहां पर स्थाई कैंप बनाना चाहते हैं।
जबकि पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी ने पीएसी कैंप को नैनी श्रमिक बस्ती से हटाने का आदेश दिया था । लेकिन अधिकारियों ने इस पर अमल नहीं कर किया।
श्रमिक बस्ती नैनी में बस्ती के 300 मकान और बच्चों के खेलने के मैदान, राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, सार्वजनिक पार्क, रामलीला मैदान, नगर महापालिका स्कूल के मैदान आदि पर पीएसी ने अवैध कब्जा कर लिया है।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 42 वीं वाहिनी पीएसी बटालियन में अनुशासन का सर्वथा अभाव है। पीएसी के जवान आए दिन श्रमिक बस्ती में उपद्रव करते हैं।
पिछले दिनों पीएसी में तैनात एक सूबेदार मेजर ने 12 साल के बच्चे को इतना पीटा कि उसके कान का पर्दा फट गया। घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा ।
पीड़ित लोगों ने नैनी थाने में शिकायत दर्ज कराई । लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। घनी नागरिक आबादी के बीच सरकारी असलहा लेकर पीएसी के जवान घूमते रहते हैं।
खाकी वर्दी वालों को कॉलोनी की सड़कों पर भारी तादाद में घूमते हुए देखकर छोटे बच्चे डर के मारे घर में छिप जाते हैं । ये शरीफ, इज्जतदार लोगों को मारते पीटते हैं। सार्वजनिक मार्ग जाम कर देते हैं। दुकानदारों को परेशान करते हैं।
घनी नागरिक आबादी के बीच में अर्धसैनिक बल पीएसी के रहने के कारण आए दिन स्थानीय निवासियों और पीएसी के बीच टकराव होता रहता है।
सरकार को भेजे गए ज्ञापन के माध्यम से श्रमिक बस्तियों में रहने वाले लोगों को उनके आवासों का मालिकाना हक दिए जाने, श्रमिक बस्ती नैनी में अवैध रूप से काबिज 42 वीं वाहिनी पीएसी को यहां से हटाने की मांग की गई है। जिससे नैनी क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहे।
* प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य को भेजे गए ज्ञापन की रसीद।
* श्रमिक बस्ती नैनी स्थित राजकीय श्रम हितकारी केंद्र पर पीएसी के कब्जे के बाद पार्क और बच्चों के खेल ग्राउंड पर घना जंगल उग आया है।
* दूसरी ओर पीएसी वालों ने बच्चों के खेल के मैदान को कूड़ा फेंकने का अड्डा बना दिया है।
श्री विनय मिश्रा ने इस संबंधमे
श्री नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री-भारत सरकार
नई दिल्ली के नामसे निवेदन प्रेषित किया है और उसकी
प्रतिलिपियाँ 1- माननीय केंद्रीय मंत्री/ सचिव, निर्माण एवं आवास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली
2- माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ
3- माननीय प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ
4- माननीय प्रमुख सचिव- श्रम, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ
5- माननीय श्रम आयुक्त, कानपुर उत्तर प्रदेश, कानपुर
6- माननीय मंडल आयुक्त, प्रयागराज 7- माननीय जिलाधिकारी प्रयागराज 9- माननीय उप श्रम आयुक्त, प्रयागराज परिक्षेत्र, प्रयागराज
10-यूपी जिला मजिस्ट्रेट, तहसील करछना, प्रयागराज
इन्हें भेजी है !
विनय मिश्र, पत्रकार
सचिव- श्रमिक बस्ती समिति,
नैनी, प्रयागराज-211008
मो.न. 7355558233