कारंजा केअधिवक्ता फारुख खान पर असफल जानलेवा हमला

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*कारंजा लाड़: कोर्ट से नियमित काम निपटा कर घर जा रहे अधि.फारुख खान पर दिवंगत प्रकाश दादा डहाके वन पर्यटन केंद्र के सामने अज्ञात बाइक सवारों ने एक बड़े पत्थर से असफल जानलेवा हमला कर दिया है जिसमें अधि.फारुख खान को मामूली चोंटे आयी है, यह घटना 29 नवंबर को दोपहर 2:30 बजे के आसपास घटी है !*

*प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिवक्ता फारुख खान कारंजा कोर्ट से अपने नियमित काम निपटा कर दोपहर 2:00 बाइक से घर जा रहे थे दो अज्ञात बाइक सवारों ने कोर्ट परिसर से ही उनके बाइक का पीछा किया और निसर्ग वन पर्यटन केंद्र के सामने एक नायलॉन की एक बड़े थैली में बड़ा पत्थर भरकर उन पर जोर से फेंक दिया. गनीमत रही कि एडवोकेट फारूक ने किसी तरह अपना सर बचा लिया जिससे वह बड़ा पत्थर कंधे और पैर पर गिर कर जमीन पर गिरकर दो टुकड़े होगया. • हमला इतना जोरदार था की, थैली में पत्थर के दो टुकड़े हो गए अगर यह पत्थर सर पर लग जाता तो इस हमले में अधि.फारुख खान की जान भी जा सकती थी घटना की जानकारी मिलते ही बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए घटना की लिखित रिपोर्ट कारंजा शहर पुलिस थाने में दी गई खबर लिखे जाने तक इस मामले में एफ आई आर दर्ज होना बाकी थी !*

*कोर्ट परिसर से ही हमलावरों ने शायद मेरा पीछा किया*
*अधि.फारुख खान ने बताया के*
*कोर्ट परिसर से ही हमलावरों ने शायद मेरा पीछा किया*
*दोनों हमलावरों के मुंह रुमाल से बंधे हुए थे. दिवंगत प्रकाश दादा डहाके वन पर्यटन केंद्र के पास आते ही उन्होंने मुझ पर* *नायलॉन की थैली फेंकी जिसमें* *एक बड़ा पत्थर था. पत्थर मेरी तरफ आते देख मैंने सर को बचा लिया. इसलिए वह बड़ा पत्थर मेरे सीधे हाथ के कोहनी से टकराकर जांघ को स्पर्श करते हुए जमीन पर गिर पड़ा और दो टुकड़े हो गया. इस हमले में मेरी जान बच गई. मेरी आशंका है कि किसी ने षड्यंत्र करके अज्ञात हमलावरों के माध्यम से मुझे जान से मारने की कोशिश की है जिसकी शिकायत मैंने पुलिस थाने में कर दी है.।।।*

*बार एसोसिएशन किया निषेध*

*अधि.फारुख खान पर हुए हमले का कारंजा बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कड़े शब्दों में निषेध किया है तथा दोपहर से कोर्ट का कामकाज बंद रखा. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने थानेदार को ज्ञापन देकर इस मामले के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है तथा वकीलों को सुरक्षा बहाल करने की मांग की गई है.*