मूल तहसील के ताडाला , टोलेवाही ग्रामपंचयतो पर कॉंग्रेस का परचम लहराया !

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*यहाँ के कथित मौकापरस्त भाजपाई बडबोले दल्लो का खामियाजा भाजपा को भुगतना पडा !*

मूल / अशरफ मिस्त्री
मूल तहसील के ताडाला , टोलेवाही , भगवानपुर ग्रामपंचयतो के चुनाव अभी हालही में संपन्न हुवे !
चुनाव नतीजों में ताडाला ग्रामपंचयत में सरपंच पदपर काँगेस के राहुल मुरकुटे ने जीत हासिल की और काँग्रेस के ३ सदस्योने जीत दर्ज की जबके भाजपा के सिर्फ २ दो सदस्य जीते थे लेकिन वह भी चुनाव परिणामों के बाद कॉंग्रेस में शामिल हो गये !
टोलेवाही कांतापेठ ग्रामपंचयत में कॉंग्रेस की सौ वैशाली आशीष निकोडे सरपंच चुनकर आई है और कॉंग्रेस के सात सदस्य जीतकर आये है !
*भगवानपुर ग्रामपंचयत चुनाव मे कॉंग्रेस की दाल नही गली*
सिर्फ भगवानपुर ग्रामपंचायत चुनाव में सरपंच पदपर भाजपा के सचिन गरमळे ने जीत दर्ज की और भाजपाके ३ सदस्योने जीत हासिल की और कॉंग्रेस के सिर्फ ३ सदस्य जीत पाये!
मूल के कुछ कथित बडबोले भाजपाई जो सिर्फ सांसदों, विधायको , मंत्रियों इतनाही नही तो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के मंचों पर तीन तिकडम कर पहोच जाते हैं और उन सभामंचों पर कार्यक्रमो में चलने वाली शूटिंग फोटोग्राफी में अपने चेहरोकी नुमाईश करते हैं !
इसतरह से समाचारों के फोटोमे यू ट्यूब न्यूजों में ,टीवी समाचारों में भाजपा नेताओं , मंत्रियों , सांसदों , विधायको आदिके साथ दिखाई देते हैं और फिर इसका जमकर लाभ उठाते हैं !
दो नंबरी शराब माफिया , गुटका खर्रा सट्टा जुआ अवैध कारोबारी और दो नंबरी भ्र्ष्टाचार के गर्त में डूबे शासकीय अधिकारी इन दल्लों की नेताओं मंत्रियों तक ऊंची पहोच समझकर इनके मकडजाल में फस जाते हैं !
जिसका ये कवडी को भी महंगे बगैर जनाधार वाले बदनाम दल्ले अपनी रोटियाँ सेकते है ! इसीके चलते इन दल्लोने लाखोंकी धन संपत्तियों का जुगाड़ कर लिया है !

भाजपा जीते या हारे इससे इन दल्लों को कोई फर्क नही पडता !? सिर्फ इनकी लूटखसोट की दुकानदारी चलते रहनी चाहिये ! विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव हो इन दल्लोको निष्ठावान समझकर और जनाधार वाले समझकर पार्टी के आला नेतागण चुनाव प्रचार की सामग्रीयाँ निर्वाचन क्षेत्रमेजिन गाँवों में बाटनेके लिये इन्हें दी जाती थी लेकिन ये दल्ले प्रचार सामग्रीयाँ बाटना तो दूर रहा भुलेसे भी निर्वाचन क्षेत्र में घूमने तक नही जाते थे बल्के उपजिला रुग्णालय के पास लाखोंका जुआ चलनेवाले एक जुवा अड्डेपर जुआ खेलते बैठे रहते थे !
हंसराज अहीर के लोकसभा चुनाव के समय जिस दल्लेको ताडाला , चिचाळा , हल्दी ,भेजगावँ की का जिम्मा दिया गया था तब उन गांवों में चुनाव को सिर्फ चार – पाँच दिन रहनेपर भी इन्होंने वहांपर बोर्ड बैनर तक नही लगाये थे ! जबके दीगर पार्टियोंके सभी उम्मीदवारों के बोर्ड बैनर जगह जगह लगे पड़े थे ! जब यह बात इस प्रतिनिधि ( अशरफ मिस्त्री ) ने हंसराज अहीर के अतिविश्वस्नीय प्रशांत समर्थ को बतलाई थी तो समर्थ ने खुद उन गांवोंमे जाकर देखा तो वहभी दंग रह गया था !
पहले शोभाताई ताई के कार्यकाल मे और हंसराज अहीर के सांसद रहते समय और राज्यमंत्री बनने के बाद इन मूल में कड़के कथित दल्लोने जमकर माल लुटा था और चल अचल संपत्तियों के मालिक बन बैठे थे !
अब सुधीरजी मुनगंटीवार के विधायक और मंत्री बनतेही उगते सूरज को सलाम करने लगे !
मतलब जिसकी चलती है जो सत्तासीन है उसी नेताको चिपकना लोटांगण डालना निष्ठावान होनेका दिखावा करना और उसकी आडमे अपना मालसुतो अभियान चलाना यही एककलमी कार्यक्रम इन दल्लोका है ! दुभती भैस का दूध निचोड़ना , फलदार वृक्षों के फल खा जानेवाले ये दल्ले अब करोड़पति बन चुके हैं !
मंत्रीके आगेपीछे मंडरा कर कई दो नंबरी अधिकारियों को अपने मायाजाल में फ़ांस कर उनकी मनचाही जगहों पर बदलियाँ करवा देनेके लिये या उनकी बदलियां रद्द करवा देनेके लिये उन कथित अधिकारियों के साथ हवाई जहाज से हमेशा मुंबई की यात्रा करता है ! जिसने इन अधिकारियोंसे , दो नंबरी अवैध धंदे करनेवालोसे हर माह हजारों रुपया बटोरता है !
सुधीरजी मुनगंटीवार ने करोड़ों रुपयोंकी विभिन्न विकास योजनाएं , निधियाँ मूल -बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये लाई थी ! एक छोटासा गांव पोंभूर्णा का जो विकास हुवा है वह देखतेही बनता है ! मूल में तो लालची दल्लोने दूसरों के नामोपर दिये गये रास्तों के , नालियोंके ठेके तक हड़पे थे घटिया रास्ते घटिया दर्जेकि नालियाँ बनवाई गई थी जिसके चलते नालियोसे गंदे पानीकी निकासी ही नही होती और कई रास्ते नालियां तो आधी अधूरी छोड़ दी गई थी जिसके चलते इस बारीशमे कई वार्डों के घरोंमें पानी घुस गया था!
सुधीरजी मुनगंटीवार ने मूल के विकास के लिये जो करोड़ों की निधियाँ लाई थी उसनेभी दल्लोने बोगस काम करके बड़े पैमाने पर हाथ धोया गया है ! उसी तरहसे वनीकरण की आडमे भी करीब 60 लाख ( साठ लाख रुपये ) का बोगस काम बतलाकर करीब सात आठ दल्लोने आपसमे बंदरबांट कर ली थी
उसी तरहसे दल्लोने बिलावजह जगह जगह ऐसे दुश्मन बना लिये है जिसकी कोई गिनती ही नही ! विगत समय मूल की टेकचंद मूलचंदानी और मनीष मूलचंदानी की भारत राईस मिल बीला वजहसे हटाने की झूठी साजिशें इसी दल्लेने कुछ लोगोंसे माल सुतकर रची थी उसी तरहसे उस मिलमे आग तक लगाने की घिनौनि हरकत तक इस दल्लेके इशरोंपर की गई थी ! उसी तरहसे कुणाल पारधी की मालिकाना जगह के चिकन सेंटर को भी हटवाने का खेल दल्लेने खेला था ! जबके इन दोनों का पूरा परिवार भाजपाई होते हुवे भी दल्लेने अपने मकसद के लिये यह साजिशें रची थी !
उसी तरहसे अब्दुल सत्तार अब्दुल गफ्फार की स्क्रैप की दुकान खुदके नीझी मकानमे होते हुवे भी उसका माल गैरकानूनी ढंगसे इस दल्लेने तत्कालीन मुख्याधिकारी को बरगलाकर जब्त करवाया था ! “बादमे जिलाधिकारी ने वह कारवाही रद्द की थी ! जबके सत्तार भी भाजपा समर्थक था !
जबके मूल शहरमे कई बिल्डिंग्स नगर परिषद से बांधकाम की परमिशन नही लेते हुवे इसीके सहकार्य से अवैध बनाई गई है ! इसकी खुदकी भी डुप्लेक्स बिल्डिंग नगर परिषद से बांधकाम की परमिशन ना लेते हुवे बनाई गई है ! इसके भी बिल्डिंग के बांधकाम का रेकार्ड नगरपरिषद में उपलब्ध नही है !
इतना ही नही तो इसने भारत राईस मिल शहर के बाहर करनेकी जो साजिशें जिन लोगोंको अपने हाथमे लेकर रची थी उनकी बिल्डिंग का बांधकाम मंजूरी के कोई रेकॉर्ड ना तो उनके पास है , और नाही नगरपरिषद के बांधकाम विभाग में है !
जिस राईस मिल वालेको इसने इन्ही सजिशोमे शामिल किया था उसके राईस मिल की बांधकाम परमिशन कम होते हुवे भी उसने अवैध ढंगसे कई हजार स्क्वेअर फिट पर अनधिकृत बांधकाम किया है !फिरभी इस दल्लेने उनको भी तत्कालीन अधिकारियोंको बरगलाकर उस अवैध कामोको बचाया है !
सत्ता की मलाई मलीदा दो नंबरी अवैध धंदेवालों से और भ्र्ष्टाचार के दलदल में फंसे अधिकारियोंसे ये दल्ले खाएंगे और इन कथित दल्लोंकी इन्ही करतूतों का खामियाजा भाजपा को भुगतना पडता है
इस ग्रामपंचायत चुनाव में तो कॉंग्रेस के मूल के एक रिंगमास्टर ने इस दल्लेको हंटर बतलाकर चुप बैठा दिया था और घरके भेदियोने भी कोई कसर नही छोड़ी थी जिसके कारण यह दल्ले मूल में ही दुम दबाकर दुबके रहे !
भाजपा के आला नेताओंने समय रहते इन दोगले दल्लोंसे सतर्क हो जाना वक्त की मांग है ! वरना इनका बहोत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेंगा !? वरना यह कहना पड़ेंगा ” अब पछतावे का होवत ,
जब चिड़िया चुग गई खेत !? “