मालिकाना अधिकार रूपी ‘मणि’ पर भयंकर सांप की तरह बैठा है उप्र श्रम विभाग !

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केंद्र सरकार का आदेश दरकिनार, मुख्यमंत्री का निर्देश मानते नहीं अधिकारी
मानस पार्क, श्रमिक बस्ती में धरना- प्रदर्शन का आयोजन

नैनी, प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश नैनी, प्रयागराज समेत विभिन्न जिलों में स्थित औद्योगिक श्रमिक बस्तियों के आवासों का मालिकाना अधिकार दिए जाने ‘मणि’ रूपी आदेश पर उत्तर प्रदेश श्रम विभाग भयंकर सांप की तरह कुंडली मारे बैठा है।
मालिकाना अधिकार आंदोलन के संयोजक, श्रमिक बस्ती समिति के सचिव विनय मिश्र ने उक्त आरोप लगाते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा 43 वर्ष पूर्व जारी किए गए आदेश के अनुसार देश के सभी राज्यों ने श्रमिक बस्तियों के आवासों का मालिकाना अधिकार उसमें रहने वाले मजदूरों को दे दिया। लेकिन उत्तर प्रदेश श्रम विभाग इस आदेश को दबाए बैठा है। 6 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने श्रम विभाग को कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा था। 6 साल बीत गए, आज तक कार्ययोजना का पता नहीं चला।
समिति के सचिव विनय मिश्र ने कहा है कि उत्तर प्रदेश श्रम विभाग की लापरवाही के कारण प्रदेश के नैनी, प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में स्थित औद्योगिक श्रमिक बस्तियों के लाखों आवासों में रहने वाले करोड़ों मजदूर इस समस्या से प्रभावित हैं ।
उत्तर प्रदेश के मजदूरों की वर्तमान समय में यह सबसे बड़ी गंभीर समस्या है। लेकिन श्रम विभाग के अधिकारी कुंभकरण की तरह गहरी नींद में सोए हुए हैं। बार-बार ज्ञापन देने, धरना, प्रदर्शन, आंदोलन के बावजूद श्रम विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
श्रमिक बस्ती समिति के सचिव विनय मिश्र ने कहा है कि मालिकाना अधिकार की मांग को लेकर 25 फरवरी, रविवार को शाम 4:00 बजे मानस पार्क, श्रमिक बस्ती, नैनी, प्रयागराज में धरना प्रदर्शन के माध्यम से विरोध व्यक्त किया जाएगा।
श्री मिश्र ने कहा है कि पिछले 7 माह से मालिकाना अधिकार की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश श्रम विभाग के अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं। जिससे स्थानीय निवासियों में भारी रोष व्याप्त है।
श्री मिश्र ने कहा है कि श्रमिक कॉलोनी ब्लॉक संख्या 37 के सामने पूरी 42वीं वाहिनी पीएसी का कूड़ा लाकर फेंक दिया जाता है। कालोनी में गंदगी फैलाई जा रही है। भीषण गंदगी, दुर्गंध और कूड़े के ढेर के कारण लोग परेशान हैं।
श्री मिश्र ने कहा है पिछले सत्तर साल से प्रदेश की श्रमिक बस्तियों में रहने वाले लोगों को उनके आवासों का मालिकाना अधिकार शीघ्र नहीं दिया गया तो प्रदेश के श्रम मंत्री का पुतला जलाया जाएगा। साथ ही सत्याग्रह, चक्काजाम आन्दोलन के द्वारा मालिकाना अधिकार की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन और तेज होगा।