संतोष रावत पर फायरिंग करनेवाले हमलावर पुलिस के हत्ते चढे !

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*जिला पुलिस अधीक्षक रविंद्रसिंग परदेशी ने गडचांदुर के उपविभागीय पोलिस अधिकारी सुशीलकुमार नायक के हाथमे इस प्रकरण के जाँच की जवाबदारी देतेहि महज ४८ घण्टों में फायरिंग करनेवाले अपराधियोंको सुशीलकुमार नायक ने धर दबोचा और सलाखों के पीछे पहोचाया ! अब शीघ्रहि इस अपराध को अंजाम देनेवाले सूत्रधारअपराधी परसे भी परदा उठेंगा ?*

 

*चंद्रपुर मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष काँग्रेस नेता संतोष रावत पर दिनांक ११ मई की रातको करीब ९.३० बजे मूल स्थित मध्यवर्ती सहकारी बैंक की शाखा से निकल कर अपनी स्कूटी से जाने निकलने पर अज्ञात हमलावरों ने रिव्हालवर से फायरिंग कर हमला किया था और कार से नागपुर – गडचिरोली रास्ते की तरफ भाग खड़े हुवे थे !*
*संतोष रावत के नसीब अच्छे थे कि वह इस जानलेवा हमले में बालबाल बच गये और गोली सिर्फ उनके हाथ के खांदे को छूती हुवी निकल गई थी ! जिसके कारण रावत को मामूली सा जख्म हो गया था !*
*इस हमले के बाद अपराधी कार से तुरंत भाग खड़े हुवे थे ! लेकिन इस हमले की बात आगकी तरह पूरे मूल शहरमे फैलतेहि संतोष रावत के समर्थक हजारो नागरिक उतनी रातको भी सड़कों पर उतर आये थे और रातके करीब २ बजेतक तनावपूर्ण स्थिति बनी हुवी थी और नागरिकोने रास्ता जाम कर दिया था और अपराधियों को गिरफ्तार करने के नारे लगाने लगे थे ! सभीको शांत करने पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ी थी !*
*दूसरे दिन मूल के गांधी चौक में स्वंयस्फूर्त सर्वपक्षीय धरना आंदोलन चक्काजाम किया गया और हमलावरोंको और उनके सूत्रधारों को गिरफ्तार करने की मांग के नारे लगाये गये और सभी पार्टियों समाजसेवियों के इस घटना के निषेधपर भाषण भी हुवे करीब ३ – ४ घण्टो तक चले इस चक्काजाम से मूल के चारों तरफ ट्रैफिक पूरी तरहसे जाम हो गया था!*
*सभी चारो तरफके मेन रोड पर सैकडों बसेस , ट्रक्स , टिप्पर , ऑटो , जीप , कार , टू व्हिलर्स , साइकिलों का मेला सा लग गया था ! तब मूल पोलिस स्टेशन के पोलिस निरीक्षक सुमित परतेकि ने जमाव से निवेदन किया के चौक की एक बाजू का रोडसे धरना घेराव हटा दे तो ट्रेफिक जाम नही होगा ! उनकी बात मानकर आंदोलनकारियों ने गांधी चौक के रास्ते की एक साईड खाली कर दी थी ! तब करीब दो घण्टों तक चारो तरफ की जमा गाड़ियों की भीड़ को छटनेमे टाईम लगा था !*
*जिला पुलिस अधीक्षक रविंद्रसिंग परदेशी ने इन अज्ञात अपराधियों की कड़ाई से जांच करने और उन्हें गिरफ्तार करनेके लिए करीब ९ टीमें तैनात की थी ! गडचांदुर के उपविभागिय पोलिस अधिकारी सुशीलकुमार नायक , मूल के उपविभागिय पोलिस अधिकारी मल्लिकार्जुन इंगळे , वरोरा के उपविभागिय पोलिस अधिकारी आयुष नोपाणी, एवम मूल पोलिस स्टेशन के अपराध शाखा के निरीक्षक महेश कोंडावर निरीक्षक सुमित परतेकि , चंद्रपुर के निरीक्षक संतोषसिंग राजपूत , उसी तरहसे बल्लारपुर , सिंदेवाही , पाथरी , कोठारी , पोंभुर्णा , सावली , उमरी पोद्दार इन थानों के पोलिस अधिकारियों की टीमे जिला पोलिस अधीक्षक रविंद्रसिंग परदेसी ने अपने मार्गदर्शन में बनाई थी !*
*उपविभागिय पोलिस अधिकारी सुशीलकुमार नायक के हाथ मे इस प्रकरण की जाँच सौपी जातेहि सिर्फ ४८ घण्टों के अंदरही उन्होंने संतोष रावत पर गोली चलनेवाले दो खलनायकों को धर दबोचा है ! एक का नाम राजवीर यादव ( ३६ वर्ष ) और दूसरा उसीका छोटा भाई अमर यादव ( २९ वर्ष ) है !*
*यह दोनों अपराधी चंद्रपुर के बाबुपेठ के रहने वाले हैं ! दोनों अपराधियों का राजनैतिक संबंध काँग्रेस पार्टी के उत्तरभारतीय सेल से है ! इतना ही नही तो चंद्रपुर के सांसद बाळु धानोरकर के यह काफी निकटवर्ती और विश्वसनीय है ! सांसद के साथ कई कार्यक्रमों में फोटो में यह दोनों भाई हमेशा दिखाई देते हैं !*
*पुलिस के शिकंजे में पकड़े जानेके बाद यह अपराधी ऐसी कहानी बतला रहे हैं के ” संतोष रावत ने इनसे बैंक मे ? वेकोली मे ? नौकरी लगा देनेके नामपर ६ लाख रुपये लिये थे ,लेकिन नौकरी भी नही लगवाई और रुपये भी नही लौटाये थे इसलिये गोली चलाई थी ! “*
*अपराधी यह सफेद झूठ कह रहे हैं ! क्योंके अगर संतोष रावत ने नौकरी लगा देनेके नामपर रुपये इनसे लिये रहते तो उसके लिये रावत पर इस तरहसे फायरिंग करके खुद सलाखों के पीछे जेल जानेका खतरा यह अपराधी मोल नही लिये रहते !?*
*अगर अपराधियों की कही बात वाकई सच होती तो ये अपराधी संतोष रावत के खिलाफ पुलिस स्टेशन में एक रिपोर्ट दर्ज करा देते की ” संतोष रावत ने नौकरी लगा देनेके नामपर ६ लाख रुपये इनसे लिये और नौकरी भी नही लगवाई और रुपये भी नही लौटा रहा है ?”*
*तो इनकी रिपोर्ट पर संतोष रावत के खिलाफ ४२० के और दीगर अपराध के तहत अनबेलेबल अफेंस गुनाह दर्ज किया गया रहता और संतोष रावत की गिरफ्तारी हो जाती !? लेकिन यह सब अपराधियों की मनगढंत कहानी है इस वारदात के असली कर्ताधर्ता सूत्रधार को बचाने की ?*
*लेकिन जब पुलिस के हाथ इनके गिरेबान तक जब पहोंच ही गये है और ये दोनों अपराधी दुर्गापुर पोलिस स्टेशन की सलाखों के पीछे पहोंच ही गये है तो इस काँड का सूत्रधार कैसे बाहर रह सकता है ? आखिर बिल्लियों की माँ कबतक खैर मनाएँगी ?*
*जिलेके पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी इस केस के आरोपियोंको पकडनेकी और शांतिप्रिय जिलेको अपराध का गढ़ बनानेवालोंको सबक सिखानेकी माँग की है ! उसी तरहसे ब्रम्हपुरी के विधायक पूर्वमंत्री काँग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इन दोनों आरोपियोंके नार्को टेस्ट की माँग की है !*