श्री माता कन्यका सेवा संस्था चंद्रपुर के जरिये निःशुल्क हृदयरोग निदान शिबिर संपन्न !

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*सुधीर मुनगंटीवार ने अपने उदघाटन पर भाषण मे कहा मरीजों की सेवा करनेमे जो आत्मिक सुख समाधान मिलता वह मिलने वाले किसीभी पुरस्कार से बडा होता है !*

*संवाददाता*

हालहीमें सुधीर मुनगंटीवार के स्व .पिताश्री डॉ .सच्चिदानंद मुनगंटीवार के स्मृति के उपलक्ष्य मे श्री माता कन्यका सेवा संस्था चंद्रपुर के जरिये मुंबई के फोर्टीज हॉस्पिटल के विशेष सहयोग से ० से १८ साल तक के बच्चों का नि:शुल्क हृदय रोग निदान शिबिर का आयोजन किया गया था !
मुनगंटीवार ने अपने उदघाटन पर भाषण में कहा कि , मेरे स्व. पिता ने ५९ सालों तक वैद्यकीय व्यवसाय के माध्यमसे मरीजों की सेवा की थी ! मेरे परिवार में मुझे छोडकर सभी डॉक्टर्स है !
मै भलेही डॉक्टर नही हूं लेकिन लोकप्रतिनिधि के नाते मरीजों की सेवा के लिये एम्स से भी अच्छा देश का सर्वोत्तम रुग्णालय एवम शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय चंद्रपुर की निर्मिति मैं कर रहा हूँ ! यह रुग्णालय मरीजों की सेवा करने में अतिउत्तम रहेंगा ऐसा बिश्वास पूर्व मंत्री ,विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने अपने भाषण में व्यक्त करते हुवे मराठी में एक कहावत कही के ” देव बोलतो बालमुखातुन, देव डोलतो उंच पिकातुन ” !
अपने संबोधन में मुनगंटीवार ने कहा कि , मेरी मुलाकात उद्योगपति रतन टाटा से जिस वक्त हुई थी तब मैंने उन्हें टाटा ट्रस्ट के जरियेसे चंद्रपुर में कैंसर हॉस्पिटल बनाने की बिनंति की थी , उन्होंने टाटा ट्रस्ट के जरियेसे देशमे सिर्फ दो कैंसर हॉस्पिटल कर देनेका जाहिर ऐलान किया था !
जिसमेसे एक हॉस्पिटल प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी मे और दूसरा मेरे चंद्रपुर मे ! यह मेरे राजकीय सामाजिक जीवन मे बहोतही अभिमान की बात है !
मरीजोंकी सेवा का लाभ आत्मिक समाधान कैसे देता है यह बतलाते हुवे मुनगंटीवार ने बतलाया कि , मैं एक मर्तबा गडचिरोली दौरेपर गया था ,वापसी में आते वक्त मूल -चंद्रपुर के बीचमे अंधारी नदी के पुलिया के पास एक लडका खरबूज , मूंगफल्ली सब्जी भाजी वगैरह बेच रहा था ! मैंने वह बिक़त लेनेके इरादेसे वहां गाडी रुकवाकर उसकी दुकान के पास गया , तो उस लडकेने पासमे ही खेतमे खड़े अपने माता -पिताको आवाज लगाकर बुलवाया ! मैंने खरबूज ,सब्जी फल्ली वगैरह बिक़त लिये और उनको पैसे दिये तो उन लोगोंने पैसा लेनेसे इंकार किया !
उस लडके की माँ ने कहा के पांच साल पहले यह लड़का बहोत गंभीर बिमारीसे जूझ रहा था , हम आपके कार्यालय में आये थे और आपके जरिये इसको सावंगी मेघे के रुग्णालय में इलाज के लिये भेजा गया था ! सावंगी मेघे में इलाज के बाद आज ये पूरी तरहसे स्वस्थ हैं , इस कृतज्ञता के चलते वह पैसे लेनेसे इंकार कर रहे थे !
यह सुनकर मरीजोंकी सेवा करनेसे जो आत्मिक समाधान मुझे मिला वह किसीभी पुरस्कार से बहोतही बड़ा है !
फोर्टीज हॉस्पिटल वालोंसे मेरा कभी भी किसी प्रकारका कोई संबंध नही आया , लेकिन इस शिबिर के माध्यम से उन्होंने जो अपना अनमोल समय दिया और हार्ट के मरीजों के इलाज में जो सहकार्य किया है वह मैं कभी नही भुल सकता !
इस शिबिर के बादभी इलाज के अगले पडाव में भी मरीजों और उनके रिश्तेदारों को किसीभी किस्मकि कोई तकलीफमैं नही होने दूंगा ऐसा अभिवचन मुनगंटीवार ने अपने संबोधन कहा और यह कहा के मेरे पिता के निधन के बादभी इस ईश्वरीय कार्य को रुकने नही देते हुवे इस शिबिर के जरिये आगे ले जाना है !
इस शिबिर में निःशुल्क हृदयरोग जाँच ० से १८ साल तक के बच्चों की की गई ! इसमेंसे जो बाल रुग्ण शस्त्रक्रिया के लिये पात्र पाये जायेंगे उनके हार्ट के ऑपरेशन किये जायेंगे !
इस कार्यक्रम में फोर्टीज हॉस्पिटल के डॉ . आशुतोष पांडे ने अपने भाषण में कहा के मुंबई के एक कार्यक्रम में मैंने सुधीरजी मुनगंटीवार का भाषण सुना था वे अपने भाषण में डॉक्टर्स और सैनिकों के समाजके लिये किये जाने वाले योगदान के बारेमे बोल रहे थे , ” मानवी जीवन अपने को मिला है तो इसके माध्यमसे दूसरोंकी सेवा करना अपना अहम कर्तव्य है ,और एनेस्थीसिया का शोध लगाने वाले तज्ञ डॉक्टर ने अपनी जान जोखिम में डालकर पहले उसका प्रयोग स्वंय अपने ऊपर किया था और बादमे समाजको उसका फायदा मिला ” यह उदाहरण मुनगंटीवार जी ने अपने भाषण में दिया था ! उनके कार्योंके बारेमे मैंने कईयोंसे सुना था लेकिन उनके भाषण को सुनने के बाद मैं उनसे जुडा ! मुनगंटीवार जी के कार्योंको मेरा अभिवादन है !
इस कार्यक्रम में डॉ .भरत सोनी , डॉ .स्वाति गारेकर , डॉ विजय सावंत , डॉ . विद्या शेट्टी , डॉ. मंगेश गुलवाडे , डॉ. श्वेता आईंचवार, राजेश सुरावार ,राहुल पावडे ,शैलेंद्रसिंह बैस , सागर खडसे तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे !