मूल पोलिस स्टेशन के कार्यक्षेत्र मे नकली गुटका खर्रा किंग जयसुख – वसीम के नकली जानलेवा गुटका खर्रा का कारोबार,नकली शराब का कारोबार , लाखोंके जुआ सट्टों अड्डे सरेआम बेरोकटोक जारी !

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मूल पोलिस स्टेशन के कार्यक्षेत्र सिंताळा मे जयसुख जेठया का अवैध जानलेवा नकली गुटका खर्रा बेचनेवाले नरेश नामक गुर्गे को विगत सप्ताह पुलिस वालोंने पकडा था और उसके पाससे नकली गुटका खर्रा भी बरामद किया गया था लेकिन पता नही चला के क्या सेटलमेंट हुवा और उसका अवैध माल भी छोड दिया गया और उसे भी छोड़ दिया गया ?
सिंताळा के जयसुख और जेठया के दो गुर्गे यह अवैध माल आजु बाजू सप्लाई करके मालामाल बन बैठे हैं ! इतना ही नही तो लाखोंकी चलचल संपत्तियों के मालिक बन बैठे हैं !

अवैध जानलेवा नकली गुटका खर्रा , मीठी सुपारी , माजा , तंबाकू के कऱोडोंके कारोबार के बेताज बादशाह जयसुख और वसीम के मूल पोलिस स्टेशन के कार्यक्षेत्र के मूल और आसपास के कई गांवो में कई गुर्गे सरेआम यह प्रतिबंधित अवैध जानलेवा कारोबार सरेआम कर रहे है !

नकली गुटखा, खर्रा, नकली शराब का अवैध कारोबार चंद्रपुर जिले के के मूल पोलिस स्टेशन के कार्यक्षेत्र से सावली ,सिंदेवाहि , पोंभूर्णा के इलाकों मे अभिशाप बनता जा रहा है, लेकिन पुलिस महकमा आंखें मूंदे हुए है। इस धंधे का सरगना जयसुख – वसीम का मूल का मुख्य सूत्रधार जेठया, अनिल अपने गुर्गों के माध्यम से धड़ल्ले से कारोबार कर रहे है।
जेठया तो सीना ठोंककर कहता है, जिसे जो करना हो, कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगड़ने वाल। दरअसल, यह हिम्मत उसे ‘सैंया भये कोतवाल, अब डर काहे का’ कहावत को चरितार्थ करता है। खाकी वर्दी में उसका साथ देने के लिए कई पुलिसकर्मी थाने-थाने में मौजूद हैं। न तो उसके माल की धर-पकड़ होती है और न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होति है !
सालों से एक ही थाने में डेरा जमा बैठे जेठया के दो पालतू खाकी वर्दीवालों की शह पर जेठया के हौसले बुलंद हैं।

जेठ्या का नकली अवैध जानलेवा गुटखा खर्रा चितेगांव मे बनाया जाता है। यह वही चितेगांव है, जहाँ विगत समय एक्साइज वालों ने नकली शराब का कारखाना पकड़ा था। माजा के खाली डिब्बों में और ईगल पन्नियों मे भरकर जगह जगह पहुंचाया जाता है। जेठ्या का और उसकी गैंग का अवैध कारोबार धड़ल्ले से बेरोकटोक चल रहा है और वर्दीधारी आंखे मूंदे बैठे हैं !
इस अवैध कारोबार से करोड़ों कमा चुका इस धंधे का बेताज बादशाह माफिया सरगना जयसुख- वसीम और उसके मूल के जेठया और उसके गुर्गे दल्ले सरेआम आज भी यह अवैध कारोबार कर रहे है और करोड़ों का अवैध माल जगह जगह सप्लाई कर रहे हैं
चंद्रपुर जिले में जयसुख के मूल स्थित गुर्गे जेठ्या, अनिल , पंकज, नीरज, सागर, ठाकुर, नितेश भास्कर और पोंभूर्णा का गुर्गा सचिन इनका पूरे चंद्रपुर जिले के अलावा आसपास के 4-5 ज़िलोंके गांव,शहरों, तहसीलों में लाखों के गुटखा, खर्रा, माजा, तंबाकू, नकली मीठी सुपारी के बक्से, बोरे डग्गा गाडियों से टू व्हिलरों से, ऑटो से सरेआम सप्लाई करना जारी है।
जिले भर में कई गांवों शहरों में यह अवैध प्रतिबंधित जानलेवा माल छुपाकर रखने के कई अड्डे और गोडाऊन हैं। यहां से यह माल सिंदेवाही, चिरोली, नागभीड़ गडचिरोली और कई ज़िलों में माल पहुंचाया जाता है। बदले में वर्दीधारियों की जेबें गर्म कर दी जाती हैं।

उसी तरहसे मूल में तीन सट्टाकिंगो सोहेल – अतुल और मोटू का लाखोंका सट्टा पट्टी का कारोबार भी चरम पर है ! इन तीनो सट्टाकिंगो के पास जिलेभर के गांव गांव से और दीगर जिले से भी लाखोंकी सट्टा पट्टियाँ हर दिन जमा होती है !
इन सट्टाकिंगो का लाखोंका सट्टा बाजार हरदिन बेरोकटोक सरेआम मूल में चलता है ! यह सट्टाकिंग भी लाखोंकी चल अचल संपत्तियों के मालिक बन गये है ! इतना ही नही तो जिलेके कई शहरोंमें और दीगर ज़िलोंमें भी चल अचल संपत्तियाँ ले रखी है !
इसी तरहसे मूल पोलिस स्टेशन के कार्यक्षेत्र मे भेजगांव – में अंकुश नामका शख्स लाखोंका जुआ अड्डा आस पास के खेतों के पास स्थित घरोंमें हर दिन भरवाता है ! इस अड्डेपर लाखोंका जुआ खेला जाता है !
इस अड्डेपर जुआ खेलने मूल , नांदगांव , चिरोली चंद्रपुर आदि गांवों से जुआड़ी टू व्हिलरों से, कारों से आते हैं !
इन अड्डोपर शराब का और खानेका भी इंतजाम जुआड़ियों के लिये रखा जाता है ! यह जुआ अड्डा जिस जगह भराया जाता है उसके रास्ते के चारों तरफ अड्डाचालक अपने गुर्गे निगरानी करने रखता है ताकि कोई हलचल हो तो वो मोबाईल से सतर्क कर देते हैं !
इसी तरहसे मूल के पासही डोंगरगांव और चिमढा मे भी जुआ अड्डे भराये जाते हैं और बाहर गांव शहरोंके जुआड़ी वहाँ जुआ खेलने गाडियों से जमा होते है
आश्चर्य है फिरभी मूल पोलिस और यहाँ का डी बी स्कॉड अनजान बना रहता है ?
अवैध जानलेवा प्रतिबंधित नकली गुटका खर्रा , ईगल पन्नी , मीठी सुपारी , तंबाकू के कारोबारी ,सट्टा बाजार के सट्टाकिंग , अवैध नकली शराब बेचनेवाले सरगना , जुआ अड्डे भराने वाले इन अवैध कारोबार के चलते लांखों की चल अचल संपत्तियों के मालिक बन बैठे कल तक के फुटपाथिये ?
क्या पोलिस महकमा कुंभकर्णी नींद से जागेगा ? क्या यह अवैध कारोबारी कभी जेल भेजे जायेंगे ?