पीएसी के अवैध कब्जे,पूर्व डीएलसी के घोटाले की जांच शुरू

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नैनी, प्रयागराज :-
पूर्व डीएलसी प्रयागराज द्वारा सरकारी घोटाले को छुपाने के लिए राजकीय श्रम हितकारी केंद्र की भूमि एवं भवन, श्रमिक कॉलोनी के पार्कों, खेल ग्राउंड आदि पीएसी को दिए जाने की शिकायत की जांच शुरू हो गई है।
श्रम आयुक्त, उप्र मार्कंडेय शाही द्वारा नामित अपर श्रम आयुक्त जांच अधिकारी सौम्या पांडे ने श्रमिक बस्ती समिति के सचिव विनय मिश्र को पत्र भेज कर शपथ पत्र एवं अन्य संबंधित साक्ष्य उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जिससे उक्त शिकायती प्रकरण में अग्रेतर कार्रवाई की जा सके।
ज्ञातव्य है कि श्रमिक कॉलोनी के निवासियों के द्वारा श्रमिक कॉलोनी के आवासों का मालिकाना अधिकार दिए जाने, पूर्व डीएलसी प्रयागराज द्वारा राजकीय श्रम हितकारी केंद्र नैनी में किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले को छुपाने के लिए केंद्र की भूमि एवं भवन 42 वीं वाहिनी पीएसी को अवैध रूप से दिए जाने की शिकायत की गई थी।
समिति के सचिव विनय मिश्र ने उक्त जानकारी देते हुए बताया है कि शिकायती पत्र के अनुसार प्रयागराज के पूर्व उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी ने राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, श्रमिक बस्ती, नैनी, प्रयागराज के रखरखाव के लिए मिलने वाले करोड़ों रुपए के सरकारी धन का गबन किया।
केंद्र में करोड़ों रुपए के फर्नीचर थे। पुस्तकालय की पुस्तकें,अस्पताल का सामान, सिलाई कढ़ाई की मशीने, खेलकूद, जिम का सामान समेत करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति स्थानीय गृह निरीक्षक की मिली भगत से पूर्व डीएलसी ने बेच डाला।
इस भयानक घोटाले को छिपाने के लिए राजकीय श्रम हितकारी केंद्र की भूमि एवं भवन, बस्ती के अन्य पार्क, बच्चों के खेल ग्राउंड, रामलीला मैदान, नगर निगम प्राइमरी स्कूल का मैदान 42 सी वाहिनी पीएसी को अवैधानिक रूप से दिए जाने की शिकायत करते हुए स्थलीय सत्यापन का अनुरोध किया गया है।
समिति की प्रमुख मांग है कि श्रमिक कॉलोनी के निवासियों को उनके आवासों का मालिकाना अधिकार दिया जाए। श्रमिक बस्ती से पीएसी का अवैध कब्जा हटाने व पूर्व डीएलसी के द्वारा किए गए घोटाले की जांच का मुद्दा प्रमुख है। जिसकी जांच अपर श्रम आयुक्त, कानपुर द्वारा की जा रही है।