एक अनुकरणीय शख़्सियत आज हमसे विदा हो गई

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( अनिल यादव ,जयपुर , राजस्थान )

राजस्थान के एनसाईक्लोपीडिया के नाम से देश भर में प्रसिद्ध पत्रकार एवं चिंतक श्री सीताराम जी झालानी ने आज प्रात: हमसे सदा के लिए विदा ले ली। ख़बर सुनते ही दिल को असहनीय आघात लगा परन्तु फिर कुछ सभंल कर बोझिल मन से उन्हें अंतिम विदाई देने चांदपोल स्थित मोक्षधाम की ओर दौड़ा। पुराने पारिवारिक संबंध के अतिरिक्त गत 20 वर्षों से मेरा निजी तौर पर भी श्री झालानी जी से बतौर मार्गदर्शक बेहद आत्मीय संबंध था। मीठा खाने व मीठा बोलने के शौकिन रहे श्री झालानी जी पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘भीष्म पितामह’ की तरह सादगी, नेकी व ईमानदारी की अड़िग मिसाल थे, हम जब भी बैठते थे दो घंटे पहले कभी नहीं उठते थे । नेहरू जी,इंदिरा जी,भैरोसिंह जी,अशोक गहलोत से लेकर सैकड़ों राजनेताओं के किस्से जो हमने उनकी जुबान से सुने थे हमें उनकी सदा याद दिलाते रहेगें । जयपुर के निकट स्थित छोटे से कस्बे बगरू से निकल कर प्रदेश व देश में अपनी क्षमता का लोहा मनवाना श्री झालानी जी जैसे बहुत ही कम लोगों के बस में होता है । दिल भारी है अत: अधिक लिखना मुश्किल हो रहा है। ईश्वर से प्रार्थना है वो श्री झालानी जी को अपने श्रीचरणों में स्थान दे तथा उनके परिजनों,मित्रों व शुभचिंतकों को इस आधात को सहने की शक्ति प्रदान करे।