जि. प. बांधकाम उपविभाग मूल कार्यालयके स्थित तीन बड़े पेड़ो की सुखी टहनियाँ सुखे पत्ते बनी जिका जंजार

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जिला परिषद बांधकाम उपविभाग मूल के कार्यालय के प्रांगण में स्थित चिचवा के पेडोंसे शौचालयों की एवम बाथरूमों के गंदे पाणियों की नालियां हुई चोकप और बड़ी बड़ी टहनियां मकानों के स्लैबोंपर गिरने से और सूखे पत्तों का अंबार लगनेसे जीना हुवा दूभर !

अशरफ भाई मिस्त्री

मूल स्थित जिला परिषद बांधकाम उपविभाग के कार्यालय के प्रांगण में चिचवे के 3 पेड़ लगाये गये थे ! यह पेड़ इतने बड़े हो गये है और पेडोंकी शाखाएँ मोटी मोटी टहनियाँ चारो तरफ फैल गई है !

इस कार्यालय के सामने स्थित काँग्रेस कार्यालय के स्लैब के ऊपरऔर बाजुमेही स्थित अशरफ मिस्त्रि औऱ हुसेनअली मिस्त्री के रिहायशी बिल्डिंग के स्लैब के ऊपर इन तीनो पेडोंके सूखे पत्ते ऐसे झडकर पूरे स्लैब पर गिरते हैं जिसके चलते उन पत्तोंका अंबार लगा रहता है !
इतना ही नही तो इस पेड़की बड़ी बड़ी सुखी टहनियाँ अशरफ मिस्त्री एवम हुसेनअली के घरके स्लैबोंपर गिरी पड़ी रहती है !

उसी तरहसे इन पेडोंके सूखे पत्तोंके कारण अशरफ मिस्त्री और हुसेन अली मिस्त्री के घरोके शौचालयों के टैंक की नालियों के चेंबर गेस्ट हाउस के नालियों के चेंबर उसी तरहसे घरोके किचन और बाथरूमों का गंदा पानी जानेवाली नालियां चोकप हो जानेसे सब बदबू भरा गंदा पानी घरके आंगन में ही नालियोसे निकलर फैल रहा है जिसके चलते बच्चे बूढ़े सभी के स्वास्थ्य को नुकसान पहोच रहा है गंदे पानीके चलते मच्छरों का भी प्रादुर्भाव बढ़ गया है !

इन पेडोंके चलते हो रहे नुकसान की बात और पेडोंको काटने का निवेदन इस उपविभाग के उपविभागीय अधिकारी को काफी साल पहलेही लिखित निवेदन अशरफ मिस्त्री ने दिया था लेकिन वे आंखें मूंद चुपचाप बैठे रहे !

इन नालियोंका गंदा पानी बड़े टैंक में ना जाते हुवे पाईप लाईन के छोटे छोटे चेम्बरोंसे निकल कर बांधकाम उपविभाग के प्रांगण में भी कम्पाउंड वालोंसे निकल कर फैलकर वहांभी बदबू फैलती रहती है !तब इस उपविभाग के अधिकारी भी नगरपरिषद में शिकायत करने दौड़ते रहते हैं !

जबके उन्हींके कार्यालय के प्रांगण के इन बड़े बड़े चिचवा के पेडोंके ढेर सारे सूखे पत्तोंके नीचे और स्लैबोंपर गिरने से नालियाँ चोकप हुई पड़ी है और सब गंदा पानी चारो ओर फैलने से दुर्गंध और मच्छरोका साम्राज्य चारोतरफ फैला हुवा होनेसे बच्चेभि बारबार बीमार हो रहे हैं और बड़े बुढोंका भी यही हाल है !

नगर परिषद के स्वास्थ्य निरीक्षक को इन पेडोंसे फैले सूखे पत्तों के अंबार का नजारा और गिरी पड़ी टहनियों के फोटो वाट्सएप पर भेजकर फ़ोनसे सब परेशानियां बतलानेपर भी स्वास्थ्य निरीक्षक ने मौके का मुआयना करनेका या यहाँ झांककर देखना भी जरूरी नही समझा था और नाही किसी तत्कालीन नगर परिषद सभापति या नगरसेवक ने भी झांककर नही देखा था ? जबके उनको भी इस परेशानी के बारेमे फोन करके बतलाया गया था और उन सबके व्हाट्सअप पर स्लैब और नालियों में भरे पड़े सूखे पत्तोंका अम्बार और स्लैबोंपर गिरी पड़ी बड़ी बड़ी टहनियों का नजारा दिखाया गया था !

अशरफ मिस्त्री के घर आँगण में फैली कम्पाउंड वॉल के गल्ली में सूखे पत्ते फेककर गंदे पानीसे भरे पड़े चेंबर और शौचालय के मैलेकी निकासी के रास्ते बंद हो जाने पर भी शिकायत करनेपरभी कोई उचित कार्यवाही नही की गई तो गरीबो दीनदुखियों झुग्गी झोपड़ियोंमे रहने वालों को क्या न्याय दिलवाएंगे ये कुंभकर्णी नीद में सोये पड़े लोग???